जयपुर, 3 फरवरी । आर्थिक विशेषज्ञ शंकर अग्रवाल ने संसद में पेश बजट पर कहा कि अनेक वर्षों से बजट आम आदमी किसान, छोटे उद्योगों अथवा अन्य किसी क्षेत्र को ध्यान में रखते हुये प्रस्तुत किया जाता रहा है।
उन्होने कहा कि आजादी के बाद संभवत यह पहला मौका है कि कोरोना महामारी के कारण बजट स्वास्थ्य सेवाओं को समर्पित है।कोरोना महामारी के साये में बजट में देश की स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी चिन्ता की गई है। यद्यपि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के छः आधार अर्थात् स्वास्थ्य एवं कल्याणए भौतिक वित्तीय पूंजीए अब संरचना नवाचार अनुसंधान विकासए भारत के लिये समावेशी विकास एवं अनुसंधान एवं विकास बताया है लेकिन पूरा ध्यान आम आदमी के स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर दिया है ।
जाने माने अर्थशास्त्री अग्रवाल ने कहा कि ें स्वास्थ्य बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 137 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पिछले वर्ष 94,000 करोड़ के खर्च के मुकाबले इस वर्ष 2,23,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। कोरोना वैक्सिन के लिये 35000 करोड़ का प्रावधान जाहिर करता है कि सरकार वैक्सिन आम आदमी को मुफ्त उपलब्ध करायेगी। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना पर भी 64180 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उन्होने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट में लघु कंपनियों को बड़ी राहत प्रदान की है जिसका सीधा असर डैडम् क्षेत्र में होगा। डैडम् सेक्टर का ळक्च् में 25ण्30ः योगदान को ध्यान में रखकर कंपनी अधिनियम में परिवर्तन कर छोटी कंपनियों की पेडअप कैपिटल सीमा 50 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ व उनकी बिक्री 2 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ करने से दो लाख कंपनियां लाभान्वित होगी। कोरोना काल में जब कृषि क्षेत्र ने देष की अर्थव्यवस्था को सहारा दियाए वहीं डैडम् सेक्टर काफी संकट में रहा।
आर्थिक मामलां के विशेषज्ञ सीए अग्रवाल ने कहा कि किसान की आय दोगुना करने की सरकार की वचनबद्धता को पुनः दोहराया गया है व यह भी बताने का प्रयास किया है.गेंहूए चावल व अन्य अनाज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद 2013.14 वर्ष के मुकाबले 2020.21 में कई गुणा बढ़ गई है व कृषि हेतू बजट में बढ़ोतरी भी की गई है। बजट में बीमा क्षेत्र में विदेषी निवेष की सीमा 49ः से बढ़ाकर 74ः की है। सरकार किसी तरह की आलोचना का षिकार नहीं होए इसलिये बीमा कंपनी के निदेषक मण्ड़ल में ज्यादातर भारतीय ही होंगेए इस बात का प्रावधान किया है।
उन्होने कहा कि बजट में यद्यपि सरकारी बैंको को 22000 करोड़ देने की बात कही हैए लेकिन साथ.साथ दो सरकारी बैंक बेचने सहित विनिवेष की अपनी नीति जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है। यद्यपि इस मामले में सरकार कटघरे में है क्योंकि अभी तक विनिवेष का लक्ष्य हासिल करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। बजट में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने हेतू निर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के कई कदम उठाये हैंए खासतौर पर अफर्डोबल हाउस योजना में ब्याज की छूट एक वर्ष और बढ़ाकर आम आदमी को राहत देने का प्रयास किया है।
अग्रवाल ने कहा कि बजट में राजकोषीय घाटा पिछले वर्ष 9ण्5ः रहाए जो कोरोना महामारी बड़ा कारण था। इस वर्ष 2021.22 में यह 6ण्8ः ळक्च् के समकक्ष रहने का अनुमान है।
उन्होने कहा कि 75 वर्ष के ऊपर की आयु वाले लोगों की आय यदि पेंशन एवं ब्याज से है तो उन्हें आयकर विवरणी दाखिल नहीं करनी होगीए बैंक ही उनका पूरा आयकर काट लेगा। इसके साथ ही व्यापारी जिनकी बिक्री 5 करोड़ होती थीए उन्हें ऑडिट कराना जरूरी थाए अब वह सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ की गई हैए यह उन व्यापारियों पर ही लागू होगा जिनकी बिक्री 95ः बैंक के माध्यम से हो।
चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट अग्रवाल ने कहा कि पूरे बजट में अपेक्षा के अनुरूप आम आदमी को प्रत्यक्ष कर में कोई छूट नहीं दी हैए जिससे सामान्य जन में निराषा के भाव के साथ है एवं आषा की किरण भी है कि नया कर नहीं लगाया व महामारी के कारण यह अपेक्षित भी था।
बजट के बारे में आप चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट शंकर अग्रवाल से मोबाइल नम्बर 9414046268 पर सम्पर्क कर सकते है ।