मुम्बई, 7 जून । कोरोना महामारी को लेकर देश में लागू किये लाकॅ डाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को अपने खर्च पर उनके घर भेजने के लिए सडक पर उतरे फिल्म अभिनेता सोनू सूद को लेकर राजनीति में उबाल आया हुआ है ।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा सोनू सूद को महात्मा बताये जाने के बाद शिव सेना और एनएसपी इसके खिलाफ खुलकर सामने आ गयी है । शिवसेना के मुख पत्र में भी सोनू सूद को लेकर निशाना साधा है । शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने सोनू सूद पर निशाना सांधते हुए कहा कि आखिर महात्मा केैसे हो सकते है ।
उन्होने कहा सोनू सूद एक अच्छे कलाकार है , मैने भी उनकी कई फिल्मे देखी है पर्दे पर अच्छा रोल किया है लेकिन यह अलग रोल है । महात्मा कैसे हो गए ।शिवसेना ने कहा भाजपा ने चतुराई से सोनू सूद को बनाया महात्मा ।
भाजपा के राम कदम ने शिवसेना पर पलटवार करते हुए कहा कि जो काम महाराष्ट्र सरकार का था वे काम नहीं कर सकी , उसमें पूरी तरह से विफल रहीं । सोनू सूद खूद सडक पर उतर कर अपने पैसे से प्रवासी मजदूरों को घर ही नहीं भेजा उन्हे खाना और अन्य मदद भी की इसमें भी शिवसेना को परेशानी है ।
राम कदम ने कहा शिवसेना व अन्य द्वारा आरोप लगाना ठीक नहीं है । जो काम महाराष्ट्र सरकार का था वह पूरा नहीं कर सकी , वह पूरी तरह से विफल रही है ।
आपको ध्यान होगा फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने स्वंय के खर्च पर कोरोना की वजह से लगे लाकॅ डाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों व अन्य लोगों को उनके घर भेजा , खाना खिलाया और उनकी घर पहुंचने तक अन्य मदद भी की । सोनू सूद इस कार्य को लेकर जबरदस्त चर्चा में है । सोनू सूद द्वारा लॉक डाउन के दौरान की गई सेवा को लेकर उनके प्रशंसकों की संख्या में लाखों का इजाफा हुआ है ।