राहत पैकेज और सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यमों की नई परिभाषा उद्योग को भारी बढ़ावा देगी: गडकरी


 नई दिल्ली 17 मई । सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, श्रम, कृषि आदि सहित विभिन्न हितधारकों/क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की नई परिभाषा से उद्योग को भारी बढ़ावा मिलेगा।


गडकरी ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योम की रेटिंग की जानकारी करने का कहते हुए उन्हों ने प्रतिभागियों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित फंड ऑफ फंड्स के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुझाव देने के लिए कहा।


      गडकरी ने यह बात आज बिजनेस नेटवर्क इंटरनेशनल और एमएम एक्टिव साई-टेक कम्युनिकेशंस के प्रतिनिधियों के साथ “सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर कोविड-19 का प्रभाव” और “20 लाख करोड़ के पैकेज के बाद भारतीय उद्योग के भविष्य” पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रखी गई बैठक को संबोधित करते हुए कही।


      उन्होने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में कृषि तथा मत्स्य पालन की संभावनाओं  का  पता लगाने की आवश्यकता है।सरकार सहित सभी हितधारकों को कोविड-19 के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने उद्योग से आग्रह किया कि वर्तमान संकट से निपटने के लिए इस कठिन समय के दौरान सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें क्योंकि नकारात्मकता किसी के भी हित में नहीं है।


      यह याद करते हुए कि जापान सरकार ने अपने उद्योगों को चीन से जापानी निवेश निकालने और अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए विशेष पैकेज की पेशकश की है, उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए एक अच्छा अवसर है जिसे लपक लिया जाना चाहिए।


      ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे परियोजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नई दिल्ली - मुंबई ग्रीन एक्सप्रेसवे पर काम शुरू हो चुका है, जो ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों से होकर गुजरता है। उन्होंने  कहा कि उद्योग जगत के लिए यह एक अवसर है कि वे ग्रामीण, आदिवासी और कम विकसित क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले मार्ग पर औद्योगिक समूहों व अत्याधुनिक तकनीक से लैस लॉजिस्टिक्स पार्क में भविष्य का निवेश करें। उन्होंने कहा कि मेट्रो/बड़े शहरों से उद्योगों के विकेंद्रीकरण पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।


      केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि निर्यात में वृद्धि पर विशेष ध्यान देना समय की आवश्यकता है और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए बिजली की लागत, लोजिस्टिक लागत और उत्पादन लागत को कम करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। 


उन्होंने एक उदाहरण का हवाला दिया कि नकारा वाहनों की नीति ला कर उत्पादन लागत को कम किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विदेशी आयात की जगह घरेलू उत्पादन कर के आयात  के विकल्प पर ध्यान देने की आवश्यकता है।  सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय पिछले तीन साल के निर्यात और आयात के बारे में विवरणों की जानकारी देने वाली दो पुस्तिकाओं पर काम कर रहा है।


गडकरी ने कहा कि उद्योग जगत को ज्ञान को संपत्ति में बदलने के लिए नवाचार, उद्यमिता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अनुसंधान कौशल और अनुभवों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


      पूछे गए कुछ सवालों और दिए गए सुझावों में शामिल हैं: मंत्री द्वारा उल्लिखित "ब्लेसिंग्स इन डिसगाइस” का लाभ कैसे उठाया जाए? समाज पर प्रभाव डालने के लिए बीएनआई और अधिक क्या कर सकता है? कोविड-19 के दौरान समस्या में रहने वाली कंपनियों के लिए क्या संदेश है? सूक्ष्म उद्यमों को लाभ पहुंचाने के लिए मुद्रा ऋणों की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख करना, हाल ही में घोषित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए 3 लाख करोड़ कोलेटरल-मुक्त औटोमेटिक ऋणों के लिए सरल दिशानिर्देश जारी किया जाना इत्यादि।


     गडकरी ने प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब में सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योग जगत को एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए और उन अवसरों पर पकड़ना चाहिए जो कोविड-19 संकट खत्म होने पर बनेंगे।