जयपुर, 28 मई। राजस्थान की स्टोन आधारित इकाइयों में छेनी और हथोड़े का जादू चल निकला है।
प्रदेश के सिकंदरा, कोटा, झालावाड़, करौली, बयाना, धौलपुर, जैसलमेर आदि स्थानों पर परंपरागत स्टोन आधारित अधिकांश इकाइयों मंे काम शुरु हो गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के योजनावद्ध प्रयासोें से राज्य में औद्योगिक गतिविधियां सामान्य होने की दिषा में बढ़ने लगी है और 35 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां शुरु हो गई है।
राज्य की टैक्सटाइल सेक्टर, ऑयल सेक्टर, सीमेंट सेक्टर, आटा-दाल, मसाला मिलों, फार्मा सेक्टर के साथ ही स्टोन सेक्टर की इकाइयों के आरंभ होना प्रदेश की औद्योगिक गतिविधियों के सामान्य स्तर की और बढ़ने का संकेत है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल के अनुसार स्टोन सेक्टर में अधिकांश संख्या में स्थानीय श्रमिक होने से स्थानीय स्तर पर ही श्रमिक रोजगार से जुड़ने लगे हैं। स्टोन इकाइयों में गेंगसा, कटर मशीनों की घनघनाहट शुरु होने लगी है। राजस्थान के पत्थर उद्योग की समूचे विश्व में पहचान के साथ ही मांग भी है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा स्वयं औद्योगिक परिसंघों से संवाद का परिणाम रहा है कि राज्य में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आई है।