भीलवाडा, 30 अप्रेल ।पीपल फॉर एनिमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने कहा कि पशु चिकित्सालय के बंद होने, अस्पतालों व बाजार में दवा उपलब्ध न होने से विगत दिनों कई ऊंटों की मौते होने पर चिंता जताई है ।
जाजू ने कहा कि 12 वर्ष पूर्व राज्य पशु ऊँटो की संख्या 10 लाख थी ,वर्ष 2019 की गणना में यह घट कर मात्र 2 लाख 12 हजार रह गई जो अत्यधिक चिंताजनक है।
उन्होने कहा कि ऊँटो में मेंज बीमारी के लिए इवेरमेक्टिन नाम का टीका लगता है यह टीका सरकारी अस्पतालों व दवा विक्रेताओं के पास नहीं होने के कारण काफी संख्या में ऊँटो की मोैत हो गई । ऊंटों की घटती संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 2016 में उष्ट्र विकास योजना बनाई थी, उक्त योजना के तहत ऊंट पालकों को 10000 रूपये मिलता था जो भी वर्ष 2019 से बंद कर दिया है। केन्द्र सरकार की अनदेखी के कारण ऊँटो की तस्करी खाड़ी के देशों में इसके मांस की मांग बढ़ने से पिछले अनेक वर्षों से हो रही है।
जाजू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से संकटग्रस्त ऊँट प्रजाति को बचाने व संख्या बढ़ाने के लिए ऊँट पालक रायका जाति को अपने ऊँटो के इलाज का प्रबंध कराने व ऊंटों के उपचार की पुख्ता व्यवस्था करवाने की मांग की है ।
इधर राज्य के पशुपालन विभाग ने ऊंटों मेंं मेंज बीमारी से मौते होने के बारे में अनभिज्ञता जताई है ।फाइल फोटो साभार गूगल