अध्यक्षों की निष्पक्ष भूमिका को संसदीय लोकतंत्र के लिए आवश्यक

जयपुर, 29 फरवरी । मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग सुनील अरोड़ा ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की शुरूआत में कई ऎसे स्पीकर रहे जो अपने आप में एक इन्स्टीट्यूशन थे। 


अरोडा ने आज यहां  राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान शाखा के तत्वावधान में संविधान की दसवीं अनुसूची के अन्तर्गत अध्यक्ष की भूमिका के संबंध में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे ।  


उन्होंने स्पीकर की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए उदाहरण स्वरूप बताया कि विट्ठल भाई पटेल ने स्पीकर बनने पर कहा था कि अब मैं किसी पार्टी का प्रतिनिधि नहीं हूं,बल्कि सभी पार्टियों का प्रतिनिधि हूं। इसी प्रकार लोकसभा के प्रथम स्पीकर श्री गणेश वासुदेव मावलंकर की स्पीकर के बारे में अवधारण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने अध्यक्षों की निष्पक्ष भूमिका को संसदीय लोकतंत्र के लिए आवश्यक बताया।