अब नहीं होगी हाउसिंग बोर्ड की उपेक्षा ः मुख्यमंत्री

 

जयपुर, 23 फरवरी। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने कहा कि जिस संस्था को जरूरतमंद लोगों के आवास के सपने को पूरा करने के लिए बनाया गया हो तथा जिसे स्व. द्वारकादास पुरोहित जैसे पुरोधाओं ने खड़ा किया हो, उस संस्था हाउसिंग बोर्ड पर ताले लगाने जैसी बातें कही गई। हजारों बिना बिके मकान पड़े होने के बावजूद नए मकान बनते गए। ऎसा क्यों हुआ, यह मेरी समझ से परे हैै।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हाउसिंग बोर्ड को फिर से सशक्त बनाने का काम किया है। सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि हाउसिंग बोर्ड की उपेक्षा न हो। बोर्ड के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर यह जिम्मेदारी है कि वे लोगों के विश्वास पर खरा उतरें। 

 

 गहलोत रविवार को बिडला सभागार में राजस्थान आवासन मंडल के राज्य स्तरीय स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आमतौर पर हाउसिंग बोर्ड के मकानों की गुणवत्ता को लेकर लोगों में अच्छी धारणा नहीं रही है। यह धारणा बदलनी चाहिए। बोर्ड यह सुनिश्चित करे कि जो भी मकान बनें वे गुणवत्ता वाले ही हों। इससे आम लोगों में मंडल की साख बढ़ेगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास एक मकान जरूर हो। आम आदमी के इस सपने को पूरा करने के लिए हाउसिंग बोर्ड को नई-नई योजनाएं लाकर राज्य के सभी जिलों में अपना विस्तार करना चाहिए। श्री गहलोत ने कहा कि तिब्बती शरणार्थियों, दस्तकारों, राज्य सहायक कर्मचारियों, प्रहरियों, शिक्षकों, सीआरपीएफ जवानों सहित समाज के विभिन्न तबकों के लिए आवासीय एवं अन्य योजनाएं बनाकर आवासन मंडल ने अच्छी पहल की है। 

 

मुख्यमंत्री ने जयपुर को आधुनिक स्वरूप देने के लिए उनके पूर्व कार्यकाल में हुए घाट की गूणी टनल, एलीवेटेड रोड, जेएलएन मार्ग, कठपुतली नगर सड़क जैसे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि मेट्रो के पहले चरण का काम पूरा होने वाला है। इसके दूसरे चरण के काम को हम भूले नहीं हैं। इसे भी हम शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को छूट के आधार पर किश्तों में आवास मिल सकें, इसके लिए हमारी सरकार नीतिगत फैसला लेगी।

 

गहलोत ने कहा कि पहला सुख है निरोगी काया। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार निरोगी राजस्थान की अवधारणा पर काम कर रही है। लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने तथा प्रेरित करने के लिए ग्राम स्तर पर सोशल वर्कर के रूप में स्वास्थ्य मित्र बनाएंगे। उन्होंने हाउसिंग बोर्ड के कार्मिकों का आह्वान किया कि वे राज्य सरकार की निरोगी राजस्थान की भावना को आमजन तक पहुंचाने में सहयोग करें। 

 गहलोत ने इस अवसर पर हाउसिंग बोर्ड के पचास साल के सफर को दर्शाने वाली पुस्तिका ‘स्वर्णिम मंडल‘ का विमोचन किया। उन्होंने हाउसिंग बोर्ड की ओर से जयपुर, जोधपुर, कोटा सहित राज्य के अन्य शहरों में विभिन्न नई परियोजनाओं का शिलान्यास एवं शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने स्वर्ण जयंती उपहार योजना के लक्की ड्रॉ के विजेताओं को कार एवं स्कूटी की चाबियां सौंपी। उन्होंने उल्लेखनीय कार्य करने वाले हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित भी किया।

 

नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री  शांति धारीवाल ने समारोह में कहा कि बीते कुछ समय में आवासन मंडल ने अपनी करीब एक हजार करोड़ रूपए की संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। जो लोग ब्याज और पेनल्टी के कारण अपने मकानों की बकाया लीज एवं अन्य देनदारी नहीं चुका पाते उनके लिए एमनेस्टी योजना लाई गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में हाउसिंग बोर्ड को मजबूत किया गया है।

 

मुख्य सचिव  डीबी गुप्ता ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड एक ऎसी संस्था है जो निर्धन एवं अल्प आय वर्ग के लोगों के आवास के सपने को पूरा करती है। इसकी महत्ता कभी कम नहीं होगी। उन्होंने और अधिक पारदर्शिता से कार्य करने तथा सिटीजन केयर सेंटर स्थापित किए जाने का सुझाव दिया।

 

आवासन आयुक्त  पवन अरोड़ा ने बीते पांच माह में ई ऑक्शन, नीलामी, लीज मनी, आवंटन आदि के जरिए 702 करोड़ रूपए के राजस्व अर्जन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि करीब 21 हजार से अधिक ऎसे मकान थे जिन्हें खरीददार नहीं मिल पा रहे थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बोर्ड ने इनमें से 3 हजार 12 मकानों को विक्रय करने में सफलता हासिल की है।