नयी दिल्ली, 24 नवम्बर । राज्यपालों का 50वां सम्मेलन आज राष्ट्रपति भवन में जनजातीय कल्याण और जल, कृषि, उच्च शिक्षा एवं जीवन की सुगमता पर जोर दिए जाने के साथ संपन्न हुआ।
राज्यपालों के पांच समूहों ने इन मुद्वों पर अपनी रिपोर्ट सौंपी और इन पर विचार किया तथा वैसे कार्रवाई योग्य बिन्दुओं की पहचान की जिन पर राज्यपाल एक सुगमकर्ता की भूमिका निभा सकते हैं। सम्मेलन में जनजातीय कल्याण के मुद्वे पर गहरी दिलचस्पी दिखाई गई और बताया गया कि जनजातीय कल्याण की नीतियों का निर्माण स्थानीय जरुरतों के अनुरूप किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी समापन टिपण्णियों में कहा कि राज्यपालों एवं लेफ्टिनेंट गवर्नरों द्वारा की गई चर्चा सार्थक साबित हुई। मंत्रालयों एवं नीति आयोग की भागीदारी ने इन चर्चाओं को केंद्रित और कार्रवाई योग्य बनाने में सहायता की। उन्होंने विश्वास जताया कि इस सम्मेलन के विचार विमर्शों से कई उपयोगी समाधान निकलेंगे।